बांद्रा में जामा मस्जिद के बाहर इतनी बड़ी संख्या में लोगों का इकट्ठा चिंता की बात है. इन्हें किसने बुलाया? अगर ये लोग घर वापस जाने के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए आए थे तो उनके हाथों में सामान क्यों नहीं था?
बांद्रा में जो कुछ हुआ उसमें हिन्दू मुस्लिम का कोई एंगल नहीं है 🙏🏼 सभी मजदूर एक इलाके के थे, करीब 3:30 बजे इकट्ठा होकर गाँव जाने की मांग करने लगे, पुलिस ने समझाने की कोशिश की, नहीं माने, लाठीचार्ज करना पड़ा। इसमें किसी एक धर्म का कोई लेना देना नहीं और अब सभी चले गए हैं #Bandrapic.twitter.com/cnqDouHqAW