मुरादाबाद में 1980 के दंगों के बाद से बंद मंदिर का ताला खोला गया। दंगों में अपने परदादा को खोने वाले सेवाराम ने इस पर कब्जे की शिकायत डीएम से की थी। सफ़ाई के दौरान कई प्राचीन खंडित मूर्तियाँ मिली हैं। सेवा राम के साथ ही तीन साल से मंदिर की देखरेख कर रही किन्नर बेहद खुश है। pic.twitter.com/DFAgbIndpO