लाल किले की प्राचीर से आज प्रधानमंत्री का भाषण बासी, पाखंडी, नीरस और चिंताजनक था।
विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत और "सबका साथ, सबका विकास" जैसे वही दोहराए गए नारे साल-दर-साल सुने जा रहे हैं, लेकिन इनका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। “मेड-इन-इंडिया” सेमीकंडक्टर चिप का वादा अनगिनत बार…