अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस को और ऐतिहासिक बनाने के लिए रणथंभौर की बाघिन टी—111 के दो वर्ष के हो चुके तीन शावकों (दो बाघ एवं एक बाघिन) का नामकरण ‘चिंरजीवी’ ‘चिरायु’ एवं ‘अवनी’ किया गया है। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता श्रीमती कृष्णा पूनिया के नाम पर बाघिन टी-17 का… pic.twitter.com/HhPxb6mT0k