1. भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है। ऐसे में केन्द्र व राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों के मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए, किन्तु अब मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में भी जो सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं।
2. साथ ही, सभी धर्मों के पर्व-त्योहारों आदि को लेकर पाबन्दियाँ व छूट से सम्बंधित जो नियम-कानून हैं उन्हें बिना पक्षपात एक जैसा लागू होना चाहिए, जो ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। इससे समाज में शान्ति व आपसी सौहार्द बिगड़ना स्वाभाविक, जो अति-चिन्तनीय। सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।