विधानसभा के बजट सत्र में माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी का व्यवहार उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं रहा।
विधानसभा के अंदर विपक्ष की बातों को सुना नहीं गया। हमारे द्वारा मत विभाजन की मांग को ख़ारिज करके विधान सभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हैं। pic.twitter.com/80yEKIbHlO