बचपन में जब मेरे इतिहास के शिक्षक ने बाबू कुंवर सिंह जी के साहस व वीरता की गौरवगाथा बताई थी तो उस समय मेरे रोंगटे खड़े हो गये थे और आज जब यहाँ लाखों लोग तिरंगा लेकर बाबू कुंवर सिंह जी को श्रद्धांजलि देने आए हैं तो भी उनका देशभक्ति का जज्बा देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए हैं। pic.twitter.com/oUl7yfBLTx